भारतीय राजनीति एवं प्रशासन में महिलाओं की भूमिका

Authors

  • प्रा. डॉ. सुनील एम. पाटील Author

DOI:

https://doi.org/10.7492/f1a2ts46

Abstract

मनु ने मनुस्मृति में कहा था,

"यत्र नार्यस्तु पूजयन्ते, रमन्ते तत्र देवता"

            अर्थात्देवगण ऐसे स्थान पर वास करते हैं, जहाँ स्त्रियों का सम्मान होता है, शायद इसी भावना के तहत् प्राचीन भारतीय समाज में महिलाओं को विशेष स्थान प्राप्त था। उन्हें सम्मान की दृष्टि से देखा जाता था। महिलाओं की सामाजिक स्थिति वैदिक काल से ही पतन के कगार पर आना प्रारंभ हो गई, मुगल काल में तो महिलाओं की स्थिति और भी दयनीय हो गई थी। सती प्रथा और पर्दाप्रथा अपने चरम सीमा पर थे, महिलाओं की शिक्षा लगभग समाप्त हो चुकी थी, परिवर्तन के इस युग में हर चीज बदल रही है। बात महिला राजनीति की है, आजादी की लड़ाई के दौरान और स्वतंत्रता के दौर में राजनीतिक पटल पर कई महिलाऐं आयी और अपनी छाप छोड़ गई लेकिन सफल महिला राजनीतिज्ञों की संख्या कम है। महिला को राजनीति क प्रशिक्षण दिया जाना आवश्यक है। राजनीतिक जागरूकता अति आवश्यक है जिससे राजनीति एवं प्रशा सन में महिला अधिक से अधिक अपना योगदान दे सके।

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Published

2011-2025