गद्यगीतों में दिनेशनंदिनी डालमिया का योगदान

Authors

  • डॉ. अश्फ़ाक़ इब्राहीम सिकलगर Author

DOI:

https://doi.org/10.7492/nc7ts467

Keywords:

गद्यगीत, हस्ताक्षर, इतिहास, प्रतिभा-संपन्न, उच्चकोटि, परिणति, भावपूर्ण, संवेदनापूर्ण, मनोहारी ढंग एवं अपलक

Abstract

हिंदी-गद्यगीत-परंपरा में दिनेशनंदिनी का नाम सादर लिया जाता है। हिंदी-गद्यगीत-परंपरा को खड़ा करने एवं विकसित करने का श्रेय इन्हीं को जाता है। गद्यगीत तो लेखिका के लिए प्राणों के समान हैं। इनके बिना लेखिका के जीवन की कल्पना करना असंभव सा जान पड़ता है। वे हिंदी-गद्यगीत परंपरा की प्रतिष्ठित एवं चर्चित हस्ताक्षर हैं। यद्यपि मूल रूप से गद्यगीत ही उनके जीवन की साहित्य-साधना रही है, तथापि उन्होंने अन्य विधाओं में भी लेखनी चलाई है।

Downloads

Published

2011-2025