रामदरश मिश्र के उपन्यासों मे बाढ़ एक आपदा

Authors

  • डॉ. गोकुलदास सोनु ठाकरे Author

DOI:

https://doi.org/10.7492/0nbjsr67

Keywords:

बाढ़, जनपद, आपदा, अंचल, ठाठें, बालियाँ, ऐंठन

Abstract

इस आलेख में गोरखपुर जिले के अविकसित या पिछडे हुऐ गाँव तिवारीपुर और पांडेपुरवा गाँव की बाढ़ आपदा पर चर्चा की गयी है |  रामदरश मिश्री ने गोरखपुर के जनपदीय क्षेत्र या अंचल पर अपनी लेखनी चलायी है | मिश्रजी के उपन्यासों में पूर्वी उत्तर प्रदेश का ही अँचल चित्रित है, जिसमें आजादी के पूर्व और आजादी के बाद गाँवों की यथार्थ स्थिति समझने की दृष्टि से अपना ही महत्व रखती है | गाँव व्यापक होने के साथ-साथ यहाँ बहुसंख्य किसान वर्गो में कुछ शिक्षित है | आजादी के बाद बनी विविध योजनाओं से नए तंत्र से लोगों के सपने पूरे नहीं हुए जिसके लिए वें लडे थे | गरीबों की समस्योओ का कोई उचित हल न निकल सका | गाँव के कई किसानों के घरों में बाढ़ आने से दो वक्त चूल्हा तक नहीं जलता | माँ-बाप के साथ कभी बच्चों को भी भूखा ही सोना पडता है | आजादी के बाद भी गोरखपुर के तिवारीपुर और पांडेपुरवा गाँव में स्कूल, अस्पताल, पुलिस चौकी, न ही यातायात की कोई सुविधाएं है | इन सभी सुविधाओं का अभावों को रामदरश मिश्रजी के उपन्यासों में चित्रित किया गया है |

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Published

2011-2025