छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में निदर्श परिवारों की उपभोग व्यय प्रवृत्ति का अध्ययन
DOI:
https://doi.org/10.7492/zk1dhn75Abstract
प्रस्तुत शोध अध्ययन में निदर्श परिवारों के उपभोग व्यय एवं गरीबी की स्थिति का अध्ययन किया गया है। निदर्श परिवारों में रोजगार और आय में वृद्धि के साथ उनके आचार-विचार, रहन-सहन एवं खान-पान के स्तर में वृद्धि हुई है जिसका प्रत्यक्ष प्रभाव निदर्श परिवारों के पारिवारिक बजट पर पड़ा है। ईक्सवी सदी के इस युग में लोगों की जीवन स्तर एवं रहन-सहन के तरीके में बहुत बदलाव आए हैं जिससे लोगों में आरामदायक एवं विलासिता के वस्तु के उपभोग के साथ ऊर्जा के साधनों के उपयोग में भी वृद्धि हुई है। बढ़ती उपभोग प्रवृत्ति एक गंभीर समस्या है क्योकि उपभोग में वृद्धि होने से वस्तुओं के मूल्य में वृद्धि, कृषि खाद्यान्न पर बढ़ता दबाव, प्राकृतिक संसाधनों अविवेकपूर्ण उपयोग होता है। इन समस्याओं के निदान के लिए खाद्य एवं अखाद्य पदार्थों का संतुलित उपभोग एवं जनसंख्या नियंत्रण किया जाये। साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए प्राकृतिक संसाधनों विवेकपूर्ण उपयोग, उचित शिक्षा, स्वास्थय, सड़क, यातायात के साधन, मनोरंजन के साधनों का विकास करना चाहिए जिससे उनकी आय में वृद्धि एवं जीवन स्तर में वृद्धि और समाज का विकास हो।Published
2011-2025
Issue
Section
Articles