राजपूताना में अफीम खेती का इतिहास
DOI:
https://doi.org/10.7492/zzj6df82Abstract
राजस्थान में 15वीं शताब्दी में पहली बार अफीम अरब देशों से आयी। दोआर्ते बारबोसा ने 16वीं शताब्दी में अफीम की उपज तथा उसके हकीमी उपयोग के बारे में उल्लेख किया है। सबसे पहले राजस्थान में अफीम की खेती मेवाड़ राज्य से प्रारंभ हुई, जो स्थानीय उपभोग के लिए की जाती थी। 17वीं शताब्दी में संपूर्ण राजस्थान में राजाओं, जागीरदारों एवं सामंतों के द्वारा अफीम का सेवन कुसुम रिवाज के रूप में किया जाने लगा। चूंकि राजपूत अफीम को नशीले पदार्थ के रूप में बहुत पसंद करते थे और इसलिए राजस्थान की सभी रियासतों में इसकी बहुत मांग थी। ’चोपान्यो अमल को’ हमें 18वीं शताब्दी के दौरान राजस्थान में अफीम की खेती, कराधान, व्यापार और खपत के बारे में विस्तृत जानकारी देता है।
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2011-2025
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Articles