भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में महिलाओं की भूमिका: सुधार से क्रांति तक
DOI:
https://doi.org/10.7492/4j53cn16Abstract
भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में महिलाओं की भूमिका केवल भौतिक भागीदारी तक सीमित नहीं थी, बल्कि उनके योगदान ने मानसिक और सांस्कृतिक स्तर पर भी महत्वपूर्ण बदलाव उत्पन्न किए। महिलाओं ने न केवल आंदोलनों में भाग लिया, बल्कि उन्होंने भारतीय समाज में स्वतंत्रता, समानता और न्याय के प्रति अपनी सोच को व्यापक किया। उनका संघर्ष समाज में व्याप्त पितृसत्ता, सामाजिक भेदभाव और अन्याय के खिलाफ था। गांधीजी के नेतृत्व में महिलाएँ केवल आंदोलन की धारा का हिस्सा नहीं बनीं, बल्कि उन्होंने राष्ट्रीय चेतना का विस्तार किया और सामाजिक सुधारों में भी सक्रिय भाग लिया। इस प्रकार, उनके संघर्ष ने समाज की विचारधारा, संस्कृति और पहचान को नया रूप दिया, जो स्वतंत्रता संग्राम से लेकर आजादी के बाद तक महत्वपूर्ण था। महिलाओं की यह अमूर्त भूमिका, उनकी सोच और संघर्ष की प्रक्रिया ने भारतीय समाज के सामाजिक और राजनीतिक ढांचे को गहरे तौर पर प्रभावित किया।